Cheeta in India hindi |चिता| project chita
नरेंद्र मोदीजी के जन्म दिन पर भारत मे चिता का फिरसे आगमन होरहा है.दोस्तो हम जाणते है कि हमारे देश भारत मे चिता पुरी तरहसे विलुप्त हो गया है हमारे लीये चिता सिर्फ कहाणी मे रहगये है, लेकिन अब एक अछि खबर है वह ये कि अब श्री नरेंद्र मोदीजी के जन्म दिन के सुभ अवसर पर यांनी कि १७ सितंबर २०२२ को चिता को भारत मे लाया जा रहा है.माननीय श्री नरेंद्र मोदीजी को जन्म दिनकी ढेर सारी शुभकांमनाए.
चिता के बारेमे
कहाजाता है कि चिता बिल्ली के कुल मे आते है मतलब वो बिल्ली के relative है.चिता का सायंटिफिक नेम एसिनोनिक्स जुबेटस है.चिता को पहच्याणनेका एक आसन तरिखा है उनकी आंखो से मूहताक एक लंबी काली लाइन होती है.चिता सबसे तेज रफ्तार रखानेवाला प्राणी है.चिता अपनी फुर्ती के लीये भी चिता जाणा जाता है. चिते कि स्पीड १२० किलो मिटर प्रती घंटा होती है.चिता कि उम्र १०-१२ साल होती है.
भारत मे चिता
१२ वि १३ वि सताब्दी मे चितो कि भारी जन आबादी थी. उन दिनो चितो को राजा महाराज पालने का काम करते थे, कहतेहै अकबर बादशाह के पास भोहत जादा चिते थे.फीर बादमे जब ब्रिटिश भारत आये तो उन्हे खेती के लीये चितो से परेशानी होरही थी. ईसलीये उन्होने चितो का शिकार करणे के लीये ईनाम जारी किया जो कि ६ रूपये से १२ रूपये तक था. ईसी वजहसे भारत मे चितोकि आबादी कम होती गई.
कुछ सालो बाद भारत मे चिते खतम होणे लागे,कहा जाता है कि सन १९४७ मे कोरिया के राजा रामानुज प्रताप सिंह शिकार पर निकले तो उन्होने तीन चितों का शिकार किया.वो हमारे देश के आखरी चितें थे.उसंके बाद १९५२ मे भारत सरकार ने चितो को विलुप्त प्रजाती घोसित कर दिया.
ईसलीये आज यांनी १७ सितंबर २०२२ को चितेकि वापसी का नारा लगाय जा रहा है. पुरे देश मे चितो को देखनेका मौक मिल रह है. ईसलीये सारे देशवाशी खुश है.७० साल बाद भारत लौटेगे चिता.नरेंद्र मोदीजी द्वारा चितो को छोडा जायगा.
ईसलीये आज यांनी १७ सितंबर २०२२ को चितेकि वापसी का नारा लगाय जा रहा है. पुरे देश मे चितो को देखनेका मौक मिल रह है. ईसलीये सारे देशवाशी खुश है.७० साल बाद भारत लौटेगे चिता.नरेंद्र मोदीजी द्वारा चितो को छोडा जायगा.
चिता कहांसे लाया गया.
ईस से पहिले भी चिता को भारत लाने कि कोशिश किगयी थी लेकिन वह असफल होगयी. पहिले चितो को इराण से लाने का प्लॅन था.पुरी दुनिया मे सबसे ज्यादा चिता इराण और उससे ज्यादा आफ्रिका मे पाये ज्याते है. ईराण जो कि एशिया मे आता है तो वहाके चितोको हमारा पर्यावरण रास आयेग ये सोचके इराण से लाने वाले थे लेकिन कुछ कारनों कि वजह से नही लापाय.ईसलीये आफ्रिका का के नामीबिया देश से लाया जाराह है. कुल ८ चिता भारत मे लाये गया है, उन्मे ३ नर (male ) और ५ मादा (female ) है.
भारत मे कहा रखणे वाले है
भारत मे कुनो नॅशनल पार्क जो कि मध्य प्रदेश राज्य मे है.वहा पे चितो को रखे जाणे वाले है.कुनो नॅशनल पार्क कि जगह काफी हद तक वैशिही है जैसी आफ्रिका के नामीबिया मे है जहासे चितो को लाया गया है.यहा पर वो कुछ दिन क्वारनटीन रहेंगे बादमे उन्हे अपने पसंदी जगा जाणे के लीये छोडे जाएंगे.
कैसे लाये गये चितो को भारत
नामीबिया से भारत लाने के पुरी प्रोसेस को ‘प्रोजेक्ट चिता’ कहा गया है. चिता लाने पोहचा खास विमान.खास विमान बोईंग ७४७-४०० नामीबिया कि राजधानी विंडोक से नामीबिया, मध्य प्रदेश ८ चितो को लेकर १० घंटो का प्रवास करके पोहचा.नामीबिया से हेलिकॉप्टरसे कुनो नॅशनल पार्क मे लाया गया.श्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा चितो को पार्क मे एक-एक करके छोडा गया.
भारत मे चिता लानेसे क्या फायदा होगा
भारत मे १९४७ के बाद चिता को किसीने नही देखा.हर कोई चिता को देखणा चाहता है.उपरसे ये आफ्रिकन चिता है. कुनो नॅशनल पार्कमे चिता या आफ्रिकन चिता देखनेके लीये पर्यटन बडेगा.आफ्रिकन चिता देखनेके लीये आफ्रिका जाणे कि जरूरत नही.
दूसरा पार्क मे, पार्क के आस पास रोजगार बडेगा.
तिसरा भारत मे चितो कि आबादी बडेगी.
कुनो नॅशनल पार्क
कुनो नॅशनल पार्क एक राष्ट्रीय उद्यान है,जोकि भारतके मध्य प्रदेश राज्य मे है.ईसकि स्थापना १९८१ मे एक वन्य उभयारण्य के रुपमे किगई थी.२००९ मे भारत मे चिता के पुनरुत्पादन के लीए ये उभयारण्य उचित माना गया.२०१८ मे वन्य उभयारण्य को कुनो राष्ट्रीय उद्यान मे बदल दिया गया और उसका एरिया बडा दिया गया.
कुनो नॅशनल पार्क का कुल एरिया है ७४८ स्कूअर किलोमिटर.१२ किलोमिटर का कूपन है जिसके अंदर चिते रहेंगे.
FAQ
No comments:
Post a Comment